दंतेवाड़ा@ दंतेवाड़ा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का आलम यह है कि शहर में चलने वाले पैथोलॉजी लैब, नर्सिगहोम,क्लीनिक बिना नर्सिग एक्ट के तहत ऐसे ही बिना लाइसेंस के नियमों को दरकिनार कर वर्षो से चल रहे हैं। जबकि छतीसगढ़ राज्य में 8 सालो से अधिक समय बीत चुका है नर्सिंग एक्ट लागू हुए।

दंतेवाड़ा जिले में इस एक्ट के तहत संचालन नही हो रहा है। यह जानकारी स्वास्थ्य महकमे को भी है। इन सबके बावजूद रोजना शहर में चलने वाले पैथोलॉजी लैब पर हजारों मरीज़ो के जाँच कर उन्हें पैसो से रिपोर्ट थमा दी जाती है। भले ही उन जांच रिपोर्ट में विश्वसनीयता न के बराबर हो.

दंतेवाड़ा जैसी छोटी जगह में इस तरह के लगभग 6 लैब चलाये जा रहे हैं. यह सब जानते हुए भी स्वास्थ्य विभाग नजरअंदाज करने में लगा हुआ है। कोविड की तीसरी लहर पर जिले में अलर्ट जारी है। बड़ा सवाल है कि इन क्लीनिकों के सामने लगने वाली भीड़ के लिए कोई कोविड की गाईड लाइन है। सच तो ये है कि इस जिले में नर्सिंग एक्ट के पालन कराने के लिए कोई बैठक आज तक ही नहीं हुई है। मरीजों की जान से सीधा खिलवाड़ चलता नजर रहा है और स्वास्थ्य विभाग गहरी नींद में सोता दिख रहा है।

चूड़ीटिकरा में मेडिकल स्टोर का तो नाम, इलाज कर पैसा कमाना उद्देश्य
एक्ट का सही पालन न करवाने के काराण कुकरमुत्ते की तरह दवा खाना और पैथलॉजी खुल रहे हैं। नगर के चूड़ीटिकरा स्थित एक मेडिकल स्टोर है। कभी यह नगर के बीचों बीच भास्कर दवा खाना के नाम से जाना जाता था। यहां खुले आम इलाज होता था। स्वास्थ्य विभाग ने शिकंजा कसा तो शहर के कोने में अपनी दुकान खोल कर चूड़ी टिकरा में बैठ गया। यहां आज भी मरीजों की जान से खिलवाड़ जारी है।
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जिले के सभी शहरों का इसी तरह से हो रहा है करोबार
एक शिकायत जिला प्रशासन के पास दुगेली के रहने वाले किसी नागरिक ने की है। उसने कहा है कि बचेली में काम करने वाली नर्स एएनएम प्रा. लैब में टेस्टिंग कराने के लिए मरीज से बोलती है। इतना ही नहीं दवाओं के लिए डॉ मेडिकल स्टोर भेजते है। इस आदिवासी बहुल्य क्षेत्र में आदिवासी इस भारी भरकम दवाओं पर होने वाले खर्च को कैसे वहन करें? बताया जा रहा है इस शिकायत के मिलने के बाद कलक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को आड़े हाथों लिया है। इस मामले की जांच के आदेश भी दिए है। बचेली- किरन्दुल में तो लैब क्लीनिकों की तो बाढ़ है। लेकिन सावल वही है जांच हो तो पता चला कि कौन – सही और कौन गलत?
सिर्फ एक का ही आया आवेदन
नया पैथलॉजी लैब खोलने के लिए स्वास्थ्य विभाग में एक ही आवेदन आया है। विभाग के अधिकारी बताते है कि कोविड की वजह से प्रॉपर जांच नहीं हो पाई है। टीम गठित कर दी गई है। शहर के सभी पैथलॉजी और क्लीनिकों की जांच एक्ट के तहत हो गई। सूचना मिल रही है कि कई अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं। इन सभी पर जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

नियम क्या कहता है
नर्सिंग एक्ट के तहत होनी चाहिए ये सुविधाएं

  • स्त्री-पुरुष के लिए अलग-अलग प्रसाधन
  • संक्रामक मरीजों के लिए अलग से कमरा
  • पुरुष- महिलाओं के लिए अलग-अलग वार्ड
  • बिस्तर के बगल में ऑक्सीजन सप्लाई सुविधा
  • प्रशिक्षित नर्स और सहायक स्टाफ
  • गंभीर बीमारियों की सूचाना, स्वास्थ्य विभाग को 24 घंटे में दें
    वर्सन
    नए पैथ लैट के लिए एक आवेदन आया है। शहर में कितने है, इस बात की जानाकरी नहीं है। नोडल से पूछ कर ही बात पाएगें। जिले में जितने भी क्लीनिक, लैब और नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं, उन सभी की जांच होगी। इसके लिए टीम को गठित कर दिया गया है।
    डॉ शर्मा, जिला चिकित्सा अधिकारी

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