बीजापुर @ नगरीय निकाय चुनावों में आरक्षण और अब पार्षदों के माध्यम से अध्यक्ष व महापौर चुनने के भुपेश सरकार के फैसले के बाद निकाय चुनावों में समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। बीजापुर नगरपालिक में एक बार मनोनीत और दो बार अध्यक पद पर भाजपा काबिज रही है। सूत्रों की माने तो नगरपालिका बीजापुर के आम चुनावों में भाजपा- कांग्रेस इस बार युवा चेहरों के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है।
नगरीय निकाय चुनाव बीजापुर इस बार बेहद रोचक होता प्रतीत हो रहा है, युवाओं की सक्रियता ने सबको चौकाया है। भाजपा- कांग्रेस में पालिका अध्यक्ष पद पर युवाओं को मौका देने की सुगबुगाहट के साथ ही दोनों दलों के प्रत्याशियों ने युद्व स्तर पर जनसंपर्क तेज कर दिए हैं। गत दो 2009 और 2014 में भाजपा ने कांग्रेस को पछाड़ते 2009 में सुखलाल पुजारी तो 2014 में सुखलाल पुजारी की पत्नी भाग्यवती पुजारी ने सोनमती ताती को 278 वोटों से हराकर पालिका पर कब्जा जमाया था।
2018 की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बीजापुर नगरपालिक क्षेत्र में अच्छी खासी बढ़त मिली थी वहीं लोकसभा के आमचुनावों में यहां भाजपा ने बढ़त बनाई थी। विधानसभा में विक्रम शाह मंडावी पर भरोसा जताने वाली जनता ने लोकसभा में मोदी को समर्थन किया था यही कारण है कि भाजपा- कांग्रेस यहां नेक टु नेक फाइट में दिखाई दे रही है। इस बार सीपीआई और जोगी जनता कांग्रेस के मैदान में उतरने से नगरपालिक की लड़ाई रोचक होने का अंदेशा हैं।