दन्तेवाड़ा@दन्तेवाड़ा जिले के कटेकल्याण में संचार सेवाये वर्षो से बदहाली और बेबसी का रोना रोते नजर आती है। पूरे क्षेत्र भर में 1 बीएसएनएल का टावर कटेकल्याण पंचायत भवन के पास खड़ा है। जिसके भरोसे हजारों उपभोगता अपनी संचार क्रांति की जरूरतों को पूरी करते है,मगर बीएसएनएल के टावर का यह आलम है कि हल्की हवा से बिजली गोल होते ही नेटवर्क भी मोबाइल फोनों से गायब हो जाता है। मतलब साफ है बीएसएनएल एक्सचेंज कटेकल्याण में मोबाइल नेटवर्क को रोकने के लगी बैटरियों की जान खत्म हो गयी है। बैटरियों में इतना भी बैकअप पावर नही बचा कि 5 मिंट भी झेल पाये।

◆प्राइवेट कंपनियों के टावर भी सिर्फ खड़े है

कटेकल्याण, परचेली,गाटम जैसे गावो में जियो ने अपने टावर के खम्बे लगा दिये है। मगर इस निजी कंपनी का लोगो को अब तक फायदा मिलना शुरू नही हुआ है। यह भी ग्राहकों की मजबूरी का बड़ा कारण बीएसएनएल पर निर्भरता है। लगातार नेट पैक और तरह तरह की लोक लुभावन स्कीमों को बताकर कंपनियां ग्राहकों से पूरे पैसे लेती है। मगर सेवाओ के नाम पर कटेकल्याण के जैसी स्थिति निर्मित कर देती है।

कटेकल्याण के रेंज की अगर बात करे तो महज टावर से डेढ़ किलोमीटर दूर बैठे ब्लाक मुख्यालय तक बीएसएनएल का रेंज नही पहुँच पाता है। जिससे ब्लाक के मुख्य दफ्तर जनपद,बीईओ ऑफिस,आईसीडीएस, कृषि आफिस,तहसील आफिस के तमाम शासकीय कार्य वर्षो से बाधित होते रहे है। मगर इस दिशा में अब तक दन्तेवाड़ा प्रशासकीय अमले ने कभी भी ध्यान देने की जहमत नही उठाई है।

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