बीजापुर @ नए शिक्षासत्र की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन पोटा केबिनों में पढने वाले बच्चों को मिलने वाली सुविधा अब भी पुरानी ही है। पोटा केबिनों में अव्यवस्था के बीच रहकर तालीम हासिल कर रहे बच्चों की थाली में दाल चांवल परोसा जा रहा है।जबकि बच्चों को मेन्यु के मुताबिक स्वादिष्ट भोजन देना है। लेकिन ऐसा न कर प्रबंधन बच्चों के हक पर डाका डालने पर आमदा है।

फ़ोटो:- किचन मेशहाल की सीलिंग बनी जानलेवा

भैरमगढ़ ब्लाक के राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित आवासीय गुरुकुल विद्यालय माटवाड़ा का हाल बेहाल है।यहां पढने वाले बच्चे अव्यवस्था के बीच रहकर पढने को मजबूर है।यहां पोटा केबिन के कमरों में पानी टपकने से बच्चे न तो सो पा रहे है। और न ही ठीक तरह से खाना खा पा रहे है। यहां तक की बच्चों के डाईट का भी ख्याल यहाँ नही रखा जा रहा है।बच्चों को रोजाना खाने में दाल चांवल परोसा जा रहा है। और नाश्ते में महज बिस्किट देकर काम चलाया जा रहा ही। बीजापुर आईटी सेल के जिला अध्यक्ष मोहित चौहान ने पोटा केबिन की वस्तुस्थिति जानने वहां के हालत का जायजा लिया तो उन्होंने कई कमियां पाई।उन्होंने बताया कि अधीक्षक वहां रहते नहीं है।पोटा केबिन अनुदेशकों के भरोसे चलता है। उन्होंने वहां के बच्चों से बात की। बच्चों ने उन्हें बताया कि वे रोजाना दाल चांवल ही खाते है। श्री चौहान के मुताबिक माटवाड़ा पोटा केबिन की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि जिस हाल में बैठकर बच्चे भोजन करते है। वहां की सीलिंग टूटकर गिर रही है। यहाँ तक पंखा भी गिरने की स्थिति में है जो कभी भी गिर सकता है। उन्होंने कहा कि इस पुरे मामले से कलेक्टर को अवगत कराया जाएगा। और इस पर शीघ्र कार्यवाई की मांग की जाएगी।

फ़ोटो:- जमीन पर सोने को मजबूर बच्चे ।

अब पोटा केबिन अधीक्षक रवि पुजारी का कहना है कि गर्मी में मरम्मत का काम कराया गया था। लेकिन हवा आने की वजह से सीट उड़ गया था। उसे फिर बनाने कहा गया है। साथ ही उन्होंने बच्चों को नाश्ते में बिस्किट देने की बात भी स्वीकारी है।

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