दन्तेवाड़ा/सुकमा:सुकमा के चिंतागुफा इलाके के मिनपा नक्सली मुठभेड़ में मारे गये १७ जवानों के पार्थिव शरीर बरामद हो गये। नक्सली शहादत के आंकड़े में एक और घटना सुकमा के नाम जुड़ गयी। इलाका भी वही जहाँ ताड़मेटला, कसालपाड़ जैसी बड़ी घटनाओं की कहानियां छिपी है। मगर इस बार मुठभेड़ DRG और STF के जवानों से थी, जहाँ DRG पर नक्सली रणनीति भारी पड़ गई। पूरी घटना में सुकमा जिले के ही ११ डीआरजी,१गोपनीय सैनिक,१एसटीएफ के जवान के साथ कांकेर,जशपुर,बालोद,रायगढ़ के ४जवानों के साथ १७ जवानों की मौत हो गयी।
डीआरजी के एक साथ १२ जवानों का शहीद होना सुकमा पुलिस के लिए बहुत बड़ा झटका है। क्योंकि डीआरजी में पूरे क्षेत्रीय लोग भर्ती होते है, जो सुकमा जिले के पहाड़ी,मैदानी और भूगोलिक परिस्थितियों को भलीभांति जानते पहचानते है। शहीद डीआरजी जवानों में बहुत से ऐसे जवान भी शामिल है जो पहले नक्सलियों के खेमे में थे, जहाँ से वे मुख्यधारा में जुड़ने पुलिस के साथ चले आये, फर्क बस इतना था जंगलो में भी बंदूक थी हाथों में और मुख्यधारा में जुड़ने के बाद नक्सलियों की खिलाफत के लिए भी बंदूक मिली. वैसे भी सुकमा जिले का इतिहास रहा है मावोवादियो ने जब भी इस इलाके में कोई साजिश रची है तो जवानों को बड़ा भारी नुकसान उठाना पड़ा है। घटना में १५ हथियार भी लूट गये, नक्सलियों की बड़े चक्रव्यूह में जवान फंस गये। जो लड़े तो घण्टो पर जब गोलियां खत्म हो गयी तो उन्हें प्राण गवाने पड़ गये
हार्डकोर नक्सली, काली वर्दी में आटोमेटिक वैपन से लैश होकर जवानों पर जंगलो से घात लगाकर अचानक हमला कर देते है। संभलने तक का मौका भी नही मिलता जवानों को घटना स्थल से भीभत्स तस्वीरें क्रूरता और बर्बरता के घाव दिखा रही है। आज सीएम भूपेश बघेल से लेकर क्षेत्रीय मंत्री कवासी लखमा शहीद जवानों को सलामी देने पहुँचेगे।