बीजापुर @ :- एक बार फिर बीजापुर के आवासीय विद्यायल में एक मासूम के दम तोड़ने की खबर आयी है। पोटाकेबिन प्रबंधन और राजीव गांधी शिक्षा मिशन कटघरे में खड़ा है। देखना होगा कि गत वर्षों में पोटाकेबिन में छात्र छात्राओं की मौतों पर मौन प्रशासन अब लापरवाह अधीक्षक के विरुद्ध क्या कार्यवाही करता है। राजीव गांधी शिक्षा मिशन में पूर्व जिला समन्वयक विजेंद्र राठौर पर कार्य मे लापरवाही के आरोप के बाद हटाकर अंगनपल्ली बसमैया को प्रभार सौंपा गया था लेकिन व्यवस्था में खामियां अब भी निकलकर आ रहीं हैं। यहां चिन्नाकोड़ेपाल स्थित पोटाकेबिन में अध्यनरत पहली कक्षा के एक छात्र की मौत हो गई है। बच्चे की तबियत खराब होने के बाद उसे जगदलपुर रिफर किया गया था।जहां अस्पताल में उसने बीती रात दम तोड़ दिया। परिजनों ने अधीक्षक पर बच्चे की तबियत में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
बताया गया है कि गुरुकुल आवासीय विद्यालय (पोटाकेबिन) चिन्नाकोड़ेपाल में मृतक छात्र नीरवेज लेकम उम्र 9 साल ने इसी वर्ष पहली कक्षा में यहां दाखिला लिया था। 14 अगस्त को नीरवेज की तबियत बिगड़ने पर उसे मोदकपाल स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार कराने के बाद उसे पोटाकेबिन ला लिया गया था। 15 अगस्त के दिन नीरवेज के पिता वंजा लेकाम रक्षाबंधन के लिए अपने बेटे को घर ले जाने के लिए पोटाकेबिन पहुंचे थे।लेकिन अधीक्षक ने बच्चे के बीमार होने की जानकारी उन्हें नहीं दी।और न ही बच्चे को घर जाने दिया। 20 अगस्त को छात्र की फिर से तबियत बिगड़ने पर उसे बीजापुर से जगदलपुर रिफर कर दिया।यहां गुरुवार शुक्रवार की दरमियानी रात बच्चे की तबियत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई।
मृतक छात्र के पिता वंजा लेकाम गांव के अनिल नक्का व मंगू लेकाम ने बच्चे की मौत के लिए अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब बच्चे की तबियत खराब थी तो अधीक्षक ने परिजनों को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी। बच्चे को समय पर सही इलाज मिलता तो बच्चे की जान बच जाती। ग्रामीणों ने कहा कि लापरवाह अधीक्षक पर कार्यवाई को लेकर वे जिला प्रशासन से मिलेंगे। इधर अधीक्षक भूपेंद्र झाड़ी का कहना है कि बच्चे की तबियत खराब होने से उसे अस्पताल ले जाया गया।यहां उसका मलेरिया टेस्ट किया गया।जो पॉजीटिव आया।डाक्टरो ने दवा भी दी।लेकिन 15 को फिर से तबियत खराब होने से उसे बीजापुर अस्पताल में भर्ती किया गया।यहां पांच दिन रखने के बाद तबियत ज्यादा बिगड़ने पर उसे डॉक्टरों ने जगदलपुर मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया।यहां गुरुवार शुक्रवार की रात बच्चे की मौत हो गई। इधर शुक्रवार को कोयाईटपाल में मृतक छात्र का परिजनों ने रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार किया।
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