दंतेवाड़ा@ बस्तर का मासूम बचपन सँवर रहा है, नक्सलवाद की जकड़ वाले इलाकों में भी अब बस्तर बदल रहा है। बदलाव की किलकारी अगर देखनी होतो दंतेवाड़ा जिले के कभी अति नक्सल प्रभावित इलाके में शुमार मासापारा आकर देखिये। जहाँ ७साल पहले आपको पिछड़ापन गरीबी नक्सलवाद की जकड़ सबकुछ दिख जाता मगर आज उसी मासापारा में नन्हे परिंदे स्कूल में जाकर शिक्षा की उड़ान भर रहे हैं।

दरअसल सात साल बाद मासापार के प्राथमिक शाला में एक बार फिर से शिक्षा की गूंज उठने लगी। दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी ने भांसी में नवीन प्राथमिक शाला मासापारा स्कूल का फीता काटकर शुभारंभ किया। माँ सरस्वती की वन्दना के साथ बच्चों ने पढ़ाई शुरू की। कलेक्टर ने स्कूल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन करते हुए प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों से बात की बच्चों से उनका नाम पूछा। बच्चों ने अपना नाम हिन्दी व अंग्रेजी में लिख कर दिखाया। बच्चों ने कलेक्टर से फिर से स्कूल खुलने की खुशी व्यक्त की और कहा कि आगे चल कर वह उनकी तरह कलेक्टर बनेंगे।

कलेक्टर सोनी ने बच्चों को ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाकर कर उनका हौसला बढ़ाया साथ ही बुक्स और बैग्स वितरण कर उनको आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

दरअसल बीते सात साल पूर्व 2015 में नक्सलियों द्वारा मासापारा स्कूल को ध्वस्त कर दिया था। जिससे यहां की शिक्षा पर प्रभाव पड़ रहा था। पर लोन वर्राटू योजना के तहत उनके आत्मसमर्पण करने से उन्हें शासन की पुनर्वास योजना का लाभ मिला और उन्हें रोजगार दिया गया साथ ही अन्य सुविधाएं दी गई। तब उन्हें एहसास हुआ कि उनके द्वारा स्कूल तोड़ने से कल के भविष्य बच्चों का जीवन अंधकारमय हो सकता है। जिला प्रशासन ने स्कूल का पुनः निर्माण प्रारंभ करवाया जिसमें आत्मसमर्पित नक्सलियों ने मासापुर के स्कूल को दोबारा अपने हाथों से बनाया। अब वह अपने बच्चों को भी यही पढ़ाएंगे ताकि उनका भविष्य प्रकाश से जगमगाएगा। आज शासन की योजनाओं के साथ स्कूल का शुभारम्भ किया गया, पोरोकमेली के मासापारा स्कूल आरम्भ होने पर अपने बच्चों को स्कूल जाता देख माता-पिता ने खुशी जाहिर की उन्होंने कहा की अब उनके बच्चे बेहतर शिक्षा पा सकेंगे। जिसके लिए उन्होंने शासन को धन्यवाद किया। जिले में राज्य शासन की सभी योजनाओं का लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है ताकि उन्हें अच्छी शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य, उपलब्ध हो सके। नक्सल प्रभावित अंदरुनी इलाकों में स्कूलों को दोबारा शुरू कर शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। श्री सोनी ने बताया कि 60 से 70 बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे। वर्तमान में 55 बच्चों का नामांकन किया जा चुका है। स्कूल परिसर में वृक्षारोपण कर सभी को पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने को कहा। स्कूल में बिजली, पंखे की व्यवस्था करने को कहा। वहाँ ग्रामवासियों से बात कर ग्राम में रोड निर्माण, आंगनबाड़ी निर्माण, पानी की उचित व्यवस्था कर उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण करने को कहा, ताकि यहाँ निवासरत ग्रामीणों व बच्चों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराया जा सके।
इस दौरान एसडीएम प्रकाश भारद्वाज, डीएसपी देवांश सिंह राठौर, जिला शिक्षाधिकारी राजेश कर्मा, जनपद सीईओ बलराम ध्रुव, सरपंच अजय तेलांग, संकुल शिक्षक पवन कुमार तेलांग, अन्य शिक्षकगण, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, मितानिन व ग्रामवासी उपस्थित थे

The Aware News