दंतेवाड़ा- धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में तैनात सीआरपीएफ जवानों को वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के जांच कोरोटिन को लेकर अब दंतेवाड़ा में दिक्कतें आ रही है। दरअसल ऐसा इसलिए है कि जो जवान छुट्टी में बाहर से जिले में प्रवेश करेंगे उन्हें RT-PCR सैम्पलिंग जांच मुख्यालय रायपुर का प्रमाणपत्र लाना होगा। तभी वे डियूटी कर सकते है। इस तरह का आदेश 24 जून को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दंतेवाड़ा द्वारा दंतेवाड़ा कलेक्टर के निर्देश में जिले में तैनात 111,195,239,231 बटालियन को जारी कर दिया है।

जबकि एक और अन्य आदेश राज्य सरकार की तरफ से 28अप्रैल 2020 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह ने जारी किया था जिस पर जवानों को अपने ही प्रांगण में ही पृथक पृथक 14 दिनों तक कोरोटिन रहने के निर्देश जारी करते हुऐ प्रतिदिन जांच की बात लिखी गयी है। अब दो अलग-अलग आदेश जवानों पर जारी हो गये। हालहि में बारसूर के नवोदय विद्यालय में बने कोरोटिन सेंटर में लगभग 100 जवानों को कोरोटिन अवधि पूरी करने से पहले ही हटना पड़ रहा है क्योंकि प्रशासन वहाँ पर बच्चों की परीक्षा करवाना चाहती है। जबकि अभी जवानों में किसी ने 14 दिन की समयावधि कोरोटिन की पूरी नही की है।

सबसे बड़ी बात यह है दंतेवाड़ा जिला नक्सल प्रभावित इलाके में आता है। जहाँ जवान नक्सलियों से लोहा लेने को अस्थाई कैम्प बनाकर ठहरे हुये ऐसे में कोरोना संकटकाल और ये दोहरे आदेश जवानों पर भारी पड़ते नजर आ रहे है।

डीएन लाल (सीआरपीएफ DIG,दंतेवाड़ा) अस्पताल वालो ने अपने तरफ से निकलवा दिया। RTPCR टेस्ट तो संभव ही नही है। ये तो स्टेट की जिम्मेदारी है। इसको लेकर हमने दंतेवाड़ा कलेक्टर को पत्र भी लिखा है। कि तीनों जिलो में अलग अलग जगह से आने वाले जवानों का टेस्ट करवाने की व्यवस्था करें।

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