दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा अस्पताल में कोविड19 महामारी के समय भी अव्यवस्थाएं कम होने का नाम नही ले रही, हालात यह है कि इस अस्पताल में एडमिट पेसेंट बिना मास्क के इलाज करवा रहे है.क्योकि उन्हें अस्पताल मास्क प्रोवाइड नही करा पा रहा है।
अस्पताल में लेबर वार्ड में मौजूद महिला मरीज बिना मास्क के ही भर्ती थे. सबसे बड़ी लापरवाही तब दिखी जब इस अस्पताल के गैरेज में दवाईया खराब पड़ी है, वही ऑक्सीजन के 4 भरे सिलेंडर उसी गैरेज में रखे हुए है। तो खाली सिलेंडर अस्पताल में है। जब इमरजेंसी मरीज पहुँचता है. तो अस्पताल में काम कर रहे कर्मचारियों को यह भी पता नही होता कि जो कितने सिलेंडर कहा पर भरे है और कितने सिलेंडर खाली है। इसी उहापोह में शुक्रवार सुबह नकुलनार से जब तक वयोवृद्ध हृदय रोगी महिला को अचानक आक्सीजन की आवश्यकता लगी तो अस्पताल से खाली सिलेंडर में ही उन्हें दंतेवाड़ा जिला अस्पताल रेफर कर दिया रास्ते मे ही बुजुर्ग महिला ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद से नकुलनार के ग्रामीणों में कुआकोंडा अस्पताल की अव्यवस्थाओ को लेकर रोष है।जबकि विदित हो कोविड19 महामारी के वक्त सभी अस्पतालों में पूरी तरह से हाई अलर्ट और सभी सावधानियों को बरतने के स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर जिला प्रशासन ने दे रखे है।उसके बावजूद भी इस तरह की लापरवाही कुआकोंडा में चल रहे स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलने को पर्याप्त है। जबकि दंतेवाड़ा जिले के इसी कुआकोंडा ब्लाक के कई अंदुरुनी ग्रामो में दीगर राज्य आंध्र तेलंगाना के मजदूर चलकर पहुँचे है। जिन्हें कोरेनटाईन किया गया है, अगर कहि से इस महामारी से परिलक्षित कोई मरीज अगर धोखे से भी निकल गया तो यह कहने में कोई गुरेज नही है कि जिस तरह से आक्सीजन के सिलेंडर गैराज में और दवाई कबाड़ में बिना मास्क के मरीज इत्मीनान से घूम रहे है। यह तैयारियां कॉफी होगी।प्रशासन को इन लापरवाहियों पर ध्यान देकर व्यवस्था दुरस्त करनी चाहिए।
एसपी शांडिल्य- सीएचएमओ
इनके नम्बर पर लगातार संपर्क किया किया पर इन्होंने काल रिसीव नही किया।
टोपेश्वर वर्मा, कलेक्टर दंतेवाड़ा-
बचेली एसडीएम को बताया गया है मौके पर देखकर कार्यवाही होगी। सभी को मास्क लगाना अनिर्वाय है।

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