बीजापुर @ एक परिवार पर ईश्वरीय प्रकोप टूटा है एक महीने पूर्व कोंडरोंजी पंचायत के तमनार गांव के वुडडू हपका और मोती हपका की नवजात ने अविकसित आंखों ( एनॉप्थेलमोस ) के साथ जन्म लिया है. जन्म के एक माह बाद भी मासूम ने अपने माता पिता और दुनिया को नही देखा है. वहीं परिवार की माली हालत खराब होने की वजह से मासूम का ईलाज करा पाना असंभव था. जिला प्रसाशन सहित कांग्रेस के नेता अब मासूम की मदत को आगे आये हैं.

“एनॉप्थेलमोस” से ग्रसित मासूम,

भैरमगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महीने पहले कोंडरोंजी के हपका दम्पत्ति ने एक पुत्री को जन्म दिया लेकिन हपका परिवार की खुशी मुकम्मल न हो सकी, दरअसल मासूम अविकसित आंखों के साथ पैदा हुई थी, परिवार को चिकित्सकों ने रायपुर बेहतर ईलाज कराने की सलाह दी थी लेकिन परिवार आर्थिक तौर पर ईलाज करा पाने में अक्षम रहा था.

इसी बीच कांग्रेस आई टी सेल प्रभारी मोहित चौहान ने इस परिवार की तरफ मदत का हाथ बढ़ाया और परिवार को गांव से बुलवाकर कांग्रेस नेता अजय सिंह से मिलवाया. कांग्रेस नेता अजय सिंह ने पूरे मामले से बीजापुर कलेक्टर के डी कुंजाम से मिलवाया जहां कलेक्टर ने 20000 हजार की आर्थिक मदत की है.

वहीं प्रदेश सचिव अजय सिंह जी ने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव जी से मासूम के इलाज के लिए मदत मांगी है. मासूम के माता पिता ने बेटी को दुनिया दिखाने की आस में रायपुर हॉस्पिटल की ओर कूच किया है.

भैरमगढ़ बी एम ओ अभय तोमर ने thaaware.co. in को बताया कि इस बीमारी को “एनॉप्थेलमोस” कहा जाता है, 1 से 2 लाख बच्चों में एक नवजात ऐसी अवस्था मे पैदा होता है. पूर्ण विकसित नेत्रों के बिना ही मासूम पैदा हुई है . बेहतर ईलाज और आपरेशन से आंखे के आने की संभावना है.

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