बीजापुर। विगत पांच वर्षो से बन रहे तिमेड पुल का काम इस वर्ष भी पूरा नही हो पाया है। इसके चलते नदी में बना रपटा पानी के बहाव से कट गया है। रपटा के कट जाने से छग से महाराष्ट्र का सड़क संपर्क एक बार फिर बाधित हो गया है। ठेकेदार के पुल निर्माण कार्य मे कछुआ चाल की वजह से इस साल भी पुल आमजन के लिए नही खोला जा सका। इस लेटलतीफी की वजह से महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाके के लोगों में काफी रोष है।
तिमेड पूल के किनारे मिट्टी से बनाया गया अस्थायी रपटा पानी के तेज बहाव से बह गया है। इसके चलते इस मार्ग से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। दोनों ओर से सैकड़ों राहगीर इन दिनों छोटी बड़ी वाहनों की मदद से सफर कर रहे थे। ऐसे में निर्माण कंपनी की लापरवाही व लेटलतीफी से यह मार्ग फिर से बंद हो गया है।
दरअसल छत्तीशगढ़ के सीमावर्ती इलाके भोपालपटनम से लगे तिमेड में बहुउद्देशीय पुल का निर्माण कार्य बीते 5 साल पहले शुरू हुआ था 660 मीटर लंबी इस पुल में 22 पिलर हैं जिनका कार्य पूर्ण हो चुका है लेकिन स्लैब स्तर पर आकर कार्य बीते एक महीने से रुका हुआ है।
क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी ने तिमेड पुल निर्माण कार्य का जायजा लेकर वशिष्ठ कंस्ट्रक्शन कंपनी मैनेजमेन्ट से बात कार्य मे तेजी लाने के निर्देश भी दिए थे बावजूद इसके कंपनी अपनी लेटलतीफी और मनमानी से बाज नही आर रही है।
The Aware News