
बीजापुर @ पूर्ववनमंत्री महेश गागड़ा ने जिले में बढ़ते भ्रस्टाचार के लिए प्रदेश और जिले के नेताओ को जिम्मेदार बताया है। गागड़ा ने केंद्र सरकार के द्वारा सड़क निर्माण के लिए दी जा रही राशि पर प्रदेश सरकार के संरक्षण में स्थानीय नेताओं और अधिकारियों द्वारा बंदरबांट का आरोप लगाया है। 300 करोड़ से ज्यादा के राशि के निर्माण कार्यो पर लीपापोती करने और बेधड़क विधायक और विभागीय मंत्री के संलिप्तता की बात अधिकारियों द्वारा स्वीकारने का खुला आरोप पूर्वमंत्री महेश गागड़ा ने पत्रवार्ता में लगाया है।

बतादें बीजापुर जिले में निर्माण कार्य मे गनवत्ता सबसे बड़ा सवाल रहा है। pmgsy विभाग यहां सैकड़ो सड़को का निर्माण कार्य को अंजाम दे रहा है। एक ओर जहां केंद्र की करोड़ो की राशि को घटिया और कम निर्माण पर अधिक भुगतान की शिकायतें मिल रही हैं। वहीं pmgsy के अधिकारी विधायक और विभागीय पंचायत मंत्री की जानकारी में कार्य को होना स्वीकार रहे हैं। जिससे स्पष्ठ है कि सरकार के बदलने के बाद प्रदेश सहित जिले में भ्रस्टाचार चरम पर है। विकास के नाम पर करोड़ों की राशि लीपापोती कर खपाया जा रहा है।
सीधे pmgsy विभाग के ई ई, एसडीओ और इंजीनियर एडजस्टमेंट का खेल खेल रहे हैं। साथ ही ई ई साहू स्वयं ठेकेदारी कर रहे हैं ताकि बिलिंग और फर्जी भुगतान को आसानी से अंजाम दिया जा सके।
पत्रवार्ता में पूर्ववनमंत्री ने pmgsy विभाग बीजापुर द्वारा कम दूरी के निर्माण में अधिक भुगतान को लेकर कुछ सड़को का जिक्र किया है जिसमे करोड़ों का वारा न्यारा विभाग अंजाम दे रहा है। जिसमे मुख्य रूप से तीन सड़कों का जिक्र महेश गागड़ा ने किया है.
नैमेड से कोमला तक 10 किमी सड़क निर्माण स्वीकृति थी 10 किमी न बनकर राशि का ग़बन किया गया है।
कांदुलनार से रालापाल तक पाँच किमी बनना था जिसने 1.6 किमी बनाकर पचास लाख से ज़्यादा का आहरण कर राशि का ग़बन किया गया है।
बीजापुर से संतोषपुर तक 7 किमी सड़क बनना था जिसने 4.5 किमी से भी कम बना है लेकिन पूरी राशि निकालकर ग़बन किया गया है।
