दंतेवाड़ा@ दंतेवाड़ा जिले में पत्रकारिता को धूमिल करने की साजिश रचते हुये. जिले में संचलित एक महिला आश्रम अधीक्षिका के नाम जिले के श्रमजीवी पत्रकार संघ दंतेवाड़ा के पत्रकार पंकज भदौरिया के नाम का दुरुपयोग करते एक फर्जी शिकायत पत्र का मामला अब तूल पकड़ने लग गया है. जहाँ संघ के पदाधिकारियों ने एसपी-कलेक्टर से मिल निष्पक्ष जांच की मांग की वही, पत्रकार ने फर्जी शिकायत का सिरे से खंडन करते हुए दंतेवाड़ा के पत्रकारों की छबि धूमिल करने की इसे साजिश बताया.

दरअसल इसी मामले में आज बीजेपी के जिला महामंत्री संतोष गुप्ता ने एक प्रेसनोट जारी करते हुये बताया कि फर्जी पत्र की निष्पक्ष जांच हो यह राजनीतिक षड्यंत्र है, साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि यह फर्जी पत्र की प्रतिलिपी भाजपा के जिलाध्यक्ष चैतराम अटामी को भी मिली है. इन सब बातों को लिखते हुये उन्होंने जांच की मांग कर दी है।

◆ सबसे बड़ी बात यह है कि पत्रकार के नाम से फर्जी शिकायत पत्र फर्जी शिकायत में लिखे गृहमंत्री, बस्तर कमिश्नर, दंतेवाड़ा क्लेक्टर को न मिलकर चैतराम अटामी भाजपा जिलाध्यक्ष को मिलता है. उक्त पत्र का वे अवलोकन करते हैं. साथ ही पत्र जिस पीड़िता के लिए था उसे श्री अटामी जी बड़े ही जिम्मेदार राजनेता का परिचय देते पहुँचा देते हैं। जिसके बाद से ही यह पूरा बवाल शोसल मीडिया में तैरने लगता है।

◆जबकि इस फर्जी पत्र की कोई भी प्रति किसी अन्य नेता या प्रशासनिक अधिकारी को नही मिली है. फिर कम्प्यूटर से लिखे शिकायत पत्र को जब जिलाध्यक्ष ने पीड़िता को दिया उस वक्त डाक टिकट लगा लिफाफा और वह पत्र अलग था.जिससे यह भी साबित नही होता है कि यह वही शिकायतपत्र है जो उस लिफाफे के माध्यम से भाजपा जिलाध्यक्ष चैतराम अटामी को प्राप्त हुआ है।

फिर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस शिकायत पत्र के अंदर भाजपा जिलाध्यक्ष दंतेवाड़ा का कही जिक्र भी नही उसके लिफाफे पर कोई शिकायतकर्ता उन्हें पत्र क्यो भेजेगा। इन सब बातों से यही आशय निकाला जा सकता है कि शिकायतपत्र के पीछे कोई बड़ी राजनीतिक साजिश है, आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पहुँचा यह पत्र बहुत से सवाल खड़े करता दिख रहा है??

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