दन्तेवाड़ा@कुआकोंडा विकासखण्ड की 27 पंचायतो में पिछले शिक्षण सत्र से 34 अतिथी शिक्षक दूरस्थ अंदुरुनी पहुँचविहीन जैसे ग्रामो में शिक्षा दीप जला रहे थे। अभी हाल में ही इन्ही अतिथी शिक्षकों का वेतन महीनों नही मिल पाया जिसके चलते जबेली गांव के अतिथी शिक्षक देवाराम का पैसो की तंगी और बदहाली के चलते इलाज के अभाव में निधन हो गया।

इस बार फिर से नये सत्र में अतिथी शिक्षकों का चयन कुआकोंडा ब्लाक के अंदुरुनी पाठ शालाओ में बतौर शिक्षक हुआ। मगर महज 17 शिक्षकों को ही अतिथि शिक्षकों के रूप में लिया गया। कुआकोंडा ब्लाक के बहुत से अंदुरुनी गांवो के 14 अतिथी शिक्षकों को जगह नही दी गयी आखिर क्यों? जबकि वे शिक्षक अंदुरुनी स्कूल अचेली, बुरगुम,पोटाली,जबेली,श्यामगिरी जैसे गांवो में पढ़ा रहे थे। शिक्षा सत्र 2 महीने से शुरू होने के बाद भी अब तक सभी स्कुलो में शिक्षकों की व्यवस्था नही हो पाई है। जिसके चलते शिक्षा व्यवस्था भी चरमराई है। मगर इस बात की पर प्रशासन से लेकर सरकार भी ध्यान नही दे रही है।

वापस काम मे नही लिये गये 13 अतिथी शिक्षक कुआकोंडा के जिला पंचायत सदस्य नंदलाल मुड़ामी के पास समस्या लेकर पहुँचे थे। जहाँ से बीईओ ऑफिस कुआकोंडा पहुँचकर श्री मुड़ामी ने 13 अतिथी शिक्षकों को काम से हटाये जाने का कारण अधिकारियों से पूछा जिसका जबाब अधिकारियों ने घुमावदार भाषा में दिया। जिसके बाद मुड़ामी ने कहा कि ये सभी नवयुवक ऐसे बीहड़ो के गांव में शिक्षा सेवाएं दे रहे थे। जहाँ प्रशासन के लिए पहुचना आसान नही है। मुलेर, बुरगुम,पोटाली जैसे गांवो के बच्चों को हटाना उनसे रोजगार छीनने से कम नही है अगर जल्द से जल्द शेष बचे अतिथि शिक्षकों को नही वापस काम मे नही लिया गया तो बीईओ कार्यलय घेराव से लेकर सड़क तक कि लड़ाई लड़ी जाएगी। जिला पंचायत सदस्य नंदलाल मुड़ामी के साथ दुधीरास के सरपंच लालू मरकाम भी बीईओ कार्यलय कुआकोंडा पहुँचे हुए थे।
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