दन्तेवाड़ा- छत्तीसगढ़ राज्य के सभी स्कूलों के द्वार आज से बच्चों के लिए २४ जून से खुल गये है। और स्कूल आश्रम फिर से बच्चों से गुलजार होने चाहिए थे। लेकिन दन्तेवाड़ा जिले के कुआकोंडा मुख्यालय से सटे हुए आश्रमो में 1 भी बच्चा सत्र के पहले दिन नजर ही नही आया। जबकि पिछले कुछ सालों से स्कूलों को 15 जून को ही बच्चों के लिए खोल दिया जाता था, मगर इस बार भीषण गर्मी पड़ने के साथ और मानसून की देरी के कारण राज्य शासन ने स्कूलों को 24 जून से प्रारंभ करने का निर्णय लिया।
उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में बच्चों के आगमन से पहले स्कूलों की साफ-सफाई और रंगाई-पुताई के साथ-साथ शिक्षकों सहित सभी कर्मचारियों को 18 जून से रोजाना स्कूल पहुंचने के निर्देश दिए गए थे। तिथि बदलने के बाद अब पहली, छटवीं और नवमीं कक्षा में प्रवेश करने वाले सभी विद्यार्थियों का स्वागत 24 जून को तिलक लगाकर पाठ्यपुस्तक, गणवेश और चाॅकलेट देकर करने की तैयारी की तैयारी करनी थी ।

Theaware.in की टीम ने पहले ही दिन आश्रमो में बच्चो की उपस्थिति देखने के लिए नहाड़ी बालक आश्रम, टिकनपाल बालक और बालिका आश्रम के साथ पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास कुआकोंडा का भ्रमण किया। पर इन आश्रमो में अब तक वीरानी छाई हुई है।
१- बालक आश्रम नहाड़ी 200 सीटर आश्रम है। भ्रमण के दौरान आश्रम में पहले दिन उपस्थिति शून्य थी। महज भृत्य ही नजर आये। साथ ही सभी कक्षाओ में ताले जड़े हुए दिखाई दिये।
२. बालक आश्रम टिकनपाल में आश्रम अधीक्षक संतूमरकाम ने खुद ही जानकरी दी कि उपस्थिति शून्य है। पिछले वर्ष 52 बच्चे दर्ज थे। मगर आज सत्र खुला है धीरे धीरे बच्चे पहुँचेगे। यही हाल बालिका आश्रम टिकनपाल का रहा। साथ ही पोस्ट मैट्रिक बालक कुआकोंडा में तो दिन के 11 बजे तक ताला ही जड़ा मिला। वैसे भी ताला खोलकर क्या फायदा जब बच्चे ही नही है।
विदित हो कि सत्र के पहले दिन आश्रमो यह हाल Theaware.in के भ्रमण में नजर आया। देखना यह है कि आश्रमो की सुस्त व्यवस्था कब सुचारू रूप से बहाल होगी और सुने आश्रमो में बच्चो से गुलजार होगी।
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