अपना हित साधने जिला प्रशासन और वनविभाग उड़ा रहा लॉकडाउन नियमों की धज्जियाँ, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के तेंदूपत्ता ठेकेदारों को रातों-रात पास देकर कराया जा रहा छत्तीसगढ़ प्रवेश- बीजेपी.
बीजापुर @:- सीमावर्ती राज्य तेलंगाना और महाराष्ट्र में जहां इस वक्त कोरोना महामारी का अत्यधिक प्रकोप है ।ऐसे राज्यों से तेंदूपत्ता ठेकेदारों व उनके सहयोगियों का बीजापुर जिले में प्रवेश करना तथा बिना किसी स्वास्थ्य परीक्षण के बीजापुर नगर में तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आवश्यक सामानों का खरीददारी कर घूमना । एक ओर समूचा विश्व कोरोना महामारी के भयंकर विभीषिका से गुजर रही है। वहीं भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार ने समय-समय पर आवश्यक कदम उठाकर समूचा देश व प्रदेश को लॉकडॉउन कर कोरोना महामारी से काफी हद तक नियंत्रण किया गया । इस वैश्विक महामारी के प्रति सरकार गंभीर व चिंतित है। समय-समय पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा आवश्यक गाईडलाइन जारी कर जिला प्रशासन के माध्यम से लॉक डाउन कर लॉकडॉउन के नियमों को शक्ति से पालन करने निर्देशित किया गया है। इस वक्त मानव जीवन को कोरोना महामारी से नियंत्रण व बचाव हेतु एकमात्र विकल्प के रूप में लॉकडॉउन होकर लॉकडॉउन के नियमों का पालन करने की अनिवार्यता है। परंतु बीजापुर जिला महाराष्ट्र तेलंगाना सीमा पर स्थित है, वर्तमान समय में उक्त सीमावर्ती राज्य कोरोना के प्रकोप से अत्यंत पीड़ित है, इन राज्यों से बीजापुर जिले में कोरोना महामारी का नियंत्रण नहीं किया गया तो फैलाव होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
डीएफओ बीजापुर से चर्चा कर लौटते तेंदूपत्ता सहायक
बीजापुर जिला प्रशासन के उदासीन रवैया से व वर्तमान तेंदूपत्ता तोड़ाई कार्य हेतु जिला प्रशासन व वन विभाग द्वारा अपना हित साधने के लिए नियमों को ताक में रखकर महाराष्ट्र और तेलंगाना के तेंदूपत्ता ठेकेदार व उनके सहयोगियों को रातों-रात पास बनाकर छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में प्रवेश करवाया जाना तथा मीडिया द्वारा खबर प्रकाशित होने के बाद लगभग 24 घंटे समय व्यतीत पश्चात भी उन्हें क्वॉरेंटाइन किया जाना प्रशासन की घोर लापरवाही प्रदर्शित करता है ।
यदि बीजापुर जिले में कोरोना महामारी का प्रकोप व फैलाव होता है,तो इसका जिम्मेदार कौन यह तय करना भी नितांत आवश्यक है ।इन ठेकेदारों के आड़ में कई मजदूरों का भी बीजापुर जिले में लॉकडॉउन के नियमों का पालन किए बिना प्रवेश हुआ है, उनके माध्यम से भी कोरोना महामारी का फैलाव होने से इनकार नहीं किया जा सकता।जिसकी भी जवाबदेही प्रशासन की होगी जब जिला प्रशासन व वन विभाग को तेंदूपत्ता के ठेकेदार व उनके सहयोगियों के प्रति इतनी ही संवेदना थी । तो इस जिले में कई मजदूर अन्य सीमावर्ती राज्य में फंसे हुए हैं ,उन्हें लॉक डॉउन के नियमों को शिथिल कर वापस लाने में अपनी संवेदनशीलता क्यों नहीं दिखाई ?क्यों उन्हें नियमों का हवाला देकर अपने राज्य जिला गांव घर आने से वंचित रखा गया है? और क्यों तेंदूपत्ता ठेकेदारों को व उनके सहयोगियों को प्रशासन द्वारा पास उपलब्ध करवाकर जिले में नगर में बेखौफ घूमने की अनुमति प्रदान की गई ? जबकि बीजापुर जिला कोरोना महामारी के प्रकोप से मुक्त है। समय-समय पर सरकारों के साथ-साथ यहां के जिला प्रशासन भी काफी सजगता, गंभीरता से इस जिले की सुरक्षा करने में काफी संवेदनशील रही ,किंतु ऐसा क्या कारण है, कि तेंदूपत्ता ठेकेदारों को व उनके सहयोगियों के प्रति प्रशासन की उदासीनता होना समझ से परे है । जिला प्रशासन को काफी गंभीरता से चिंतन कर तथा सीमा पर अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों का प्रवेश पर निषेध कर लॉक डॉउन के नियमों का उचित पालन करना होगा ।तभी इस वैश्विक महामारी से बचाव हुआ नियंत्रित किया जा सकता है।