दंतेवाड़ा- डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल हितावर मे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. विद्यालय के छात्र छात्राओं ने श्रीकृष्ण एवं श्रीराधे का वेश धारण कर संगीत एवं नृत्य का आयोजन को रंगारंग कर दिया.
संस्था के प्राचार्य बीके शर्मा ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महत्व छात्रों को बताते हुये कहा कि कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भारत में धूम धाम से हमेशा मनाया जाता है. यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हिंदू माह श्रावण के कृष्ण पक्ष के 8वें दिन मनाया जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है। लोग इसे खुशी से मनाते हैं। रात के समय कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, गुजरात और अन्य राज्यों में इस उत्सव को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के भगवान कृष्ण अवतार की विशेष पूजा की जाती है। माना जाता है कि उनका जन्म भारत के मथुरा में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आधी रात में हुआ था।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण ने हमें प्रेम, करुणा, और न्याय के मार्ग पर चलने का उपदेश दिया। श्री कृष्ण के जन्म की कहानी अद्भुत है, जो हमें उनकी शक्ति का एहसास कराती है। भगवान कृष्ण ने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया और हमें सिखाया कि कैसे साहस और स्थिरता से जीवन की कठिनाइयों का सामना करना चाहिए। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हमें भगवान कृष्ण के उपदेशों को याद करना चाहिए और उनके जीवन को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए।
लोग इस दिन व्रत करते हैं, घरों और मंदिरों को सजाते हैं। भजन गाते हैं। भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के त्योहार को गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि कृष्ण का जन्म मथुरा के पास एक गांव गोकुल में हुआ था। भारत के कुछ हिस्सों में बुराई के विनाश के प्रतीक के रूप में दही हांड़ी का भी आयोजन किया जाता है।