दन्तेवाड़ा@लोकसभा चुनाव में शांतिपूर्ण मतदान करवाने में शासन प्रशासन दन्तेवाड़ा जैसे जिलों में जहाँ दमभर प्रयास कर रहा है, वही मावोवादियो के प्रतिबंधात्मक संगठनों ने चुनावी बहिष्कार को लेकर जंगलो से शोर करते हुए शहरी इलाकों तक बहिष्कार डर दहशत मतदाताओं में डालने लग गये है। क्योकि दक्षिण बस्तर के नक्सल प्रभावित जिले दन्तेवाड़ा, सुकमा,बीजापुर में अंदुरुनी गावो में नक्सलियो के प्रभाव के चलते अधिकांशतः ग्रामीण मतदाता वोटिंग के नाम से खामोश हो जाता है।

ऐसे ही बहिष्कार के चुनावी लाल रंग के नारे पेरपा स्कूल की दिवालो में नज़र आये। जिस पर नक्सलियो ने 11 वी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार के साथ स्वतंत्र जम्बू कश्मीर के लिए संघर्ष की मांग करने की अपील की साथ ही लिब्रेशन फ्रंट पर प्रतिबंध को भी गलत बता रहे है। साथ ही 5वी अनुसूची और पेशा कानून लागू करने की बात लिखी। यह नारे विधानसभा क्रमांक 88 दन्तेवाड़ा के मतदान केंद्र 251 पर नक्सलियो की दरभा डिवीजन की कमेटी ने लिखे है। इसी केंद्र में मड़कामीरास, मदाड़ी और पेरपा के ग्रामीणों को मतदान करने पहुँचना है।

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