
दंतेवाड़ा@ बैलाडीला से निकलने वाला कच्चा लोह अयस्क भारत भर में सप्लाई होता है. उत्तम क्वालटी के लिए बस्तर के बैलाडीला की लोह अयस्क खदानें जानी जाती है. लेकिन इन दिनों स्टील के दाम में बड़े उछाल के चलते लोहा गिट्टी के चोर गिरोह सक्रिय होकर बैलाडीला के आसपास के इलाकों से अवैध उत्खनन कर कच्चे आयरन ओऱ की तस्करी कर लूटने में लगे हैं. जिस पर दंतेवाड़ा जिला प्रशासन से लेकर वन विभाग भी नकेल कसने में कमजोर दिखाई देता है. हाल में ही 3 गाड़िया इसी तरह कच्चे लोहे से जिसे आम भाषा मे आलू माल कहा जाता है दंतेवाड़ा वन विभाग की कार्यवाही में पकड़ाये है. मगर आये दिन इन्ही खदानों से लगातार सड़क मार्ग से कच्चा लोहा बस्तर से बाहर फैक्ट्रियों तक परिवहन होता है. सतत निगरानी के अभाव में तस्कर दस्तावेजो में हेरफेर करके कच्चा लोहा बस्तर से बाहर ले जाकर लाखो रुपये दो नम्बर के इस धंधे से बना लेते हैं। जिसे प्रशासन को रोकना चाहिए मगर साठगांठ के चलते ये गोरखधंधा बैलाडीला की खानों के आसपास लगे गांव से जमकर चल रहा है.

◆ लोहे की कीमतें बीते साल की तुलना में दुगने हो गये है अब इसकी कीमतों में प्रति टन ढाई हजार रुपये की और बढ़ोत्तरी हो गई है। अब इस्पात का रेट 65,000 प्रति टन पहुंच गया है। वहीं ब्रांडेड सरिया का भाव 72,000 से 78,000 रुपये प्रति टन के बीच है यह मुख्य वजह तस्करों के मंडराने की है.
बैलाडिला की खदानों के पास लगे गांव में ग्रामीण मजदूरों की मदद से पहाड़ियों को खोदकर कच्चा लोहा जमाकर चोरी छिपे तस्कर गाड़ियों को पार करने में लगे हैं. इस तरह से बेशकीमती लोहे की तस्करी का खेल रोकने के लिए प्रशासनिक कसावट की जरूरत है।
